Tuesday, March 1, 2011

मनोरंजन का दादा!!

पिछले लेख में हम बात कर रहे थे कि किस प्रकार कुछ टीमों के खिलाङी धैर्यपूर्ण पारियाँ खेलकर भी उतनी ही मज़बूत स्थिती में आ रहे हैं जितनी कि शायद ताबङतोङ,धमाकेदार और विस्फोटक जैसे शब्दों से परिभाषित और कादाचित अतिशयोक्ति से अभिमानित भारतीय टीम कर सकती हो,चर्चा में कुछ नाम भी आए जैसे पाकिस्तान के मिसबाह और यूनुस ख़ान और इंग्लैंड के ट्रॉट और स्ट्रॉस,तीन ही दिन में यह सिद्धांत भलीभाँति प्रतिपादित हो गया कि खेल आकर्षक न होकर भी कितना रोमांच पैदा कर सकता है,पहले पाकिस्तान ने श्रीलंका को हराकर उलटफेर किया और फिर इंग्लैंड ने 28 फरवरी को चेन्नास्वामी में वह खेल खेला जो क्रिकेट की किताब के श्रेष्ठतम मुका़बलों मे दर्ज हो गया,खेल के विवरण पर तो हज़ारों पृष्ठ आने वाले समय में लिखे जाते रहेंगे,सहसा स्मरण हो आया प्रथम I.P.L. के दौरान दिखाया जाने वाला वह प्रचार जिसमें I.P.L. को "मनोरंजन का बाप" कहा गया था,किंतु यह मुकाबला तो I.P.L. का भी बाप निकला,यानि के "मनोरंजन का दादा"।
 यह टक्कर चक्षु खोलने वाली थी,निश्चित रुप से भारत पिछले कुछ वर्षों में एक मज़बूत टीम के रुप मे उभरा है और इसलिए इस बार लोगों की उम्मीद बेमानी नहीं है,कई ऐसे लोग भी मिल जाते हैं जो क्रिकेट के प्रति उदासीन हो चुके हैं क्योंकि बङी उम्मीदें बार-बार टूटी भी हैं,किंतु जो क्रिकेट के अंधबक्त हैं वो तो हर बार छले जाने पर भी आशावादी बने ही रहते हैं,कई वर्ग और कई विचार हैं,क्रिकेट अपनी चमक खो रहा था,किंतु ये फीकापन सूरज को ढँकने वाले बादलों वाला निकला,जब रविवार की दोपहर क्रिकेट का रवि अपने प्रचण्ड तेज के साथ चमका तो भक्तो ने अपने भगवान का 98वाँ शतकावतार देख लिया,आत्मा तृप्त हो गयी,आशंका जाती रहीं,क्रिकेट से विमुख हो चुके लोगों में भी नयी ऊर्जा का संचार हो गया,सबने विशाल विजय का स्वप्न देख लिया,किंतु कौन जानता था कि अतिशयोक्ति से अभिमानित,धरातल से दो इंच ऊपर सीना फुलाए घूमती,जनमानस के शोर में अतिविश्वास से भरी टीम के लिए ये स्वप्न स्वप्नदोष बन जाएगा। सब एक दुस्वपन की तरह होता गया,फासला कम होता रहा और गयारह खिलाङी जैसे मैदान में किसी खूँटे से बँधे गेंद को देखते छटपटाते रह गये,जब तक नींद खुली देर हो गयी थी किंतु कदाचित उन करोङों प्रर्थनाओं का चमत्कार था कि सहसा बेजान टीम में जान आ गयी ,ज़हीर ने भारत को मैच मे वापस ला दिया,कई दर्शकों ने घर में ४ फीट ऊँची छलाँग लगा दी और कईयों ने *** वाले विशेषणों की बौछार कर दी,किंतु त्रुटियाँ दोनों टीमों से हुईं थीं और इस खेल को जीतने की दावेदारी कम और न जीतने के कारण अधिक थे,दोनों ही जीत की हक़दार नहीं थीं और हार की भी नहीं, अंततः साँस रोक देने वाले मुका़बले का अंत रोमांच के चरम से हुआ एकदिवसीय क्रिकेट जीता और साबित हुआ कि मनोरंजन के बाप का बाप कौन!!!
Courtesy:castrolcricket.com
 
C.R.I.C.K.E.T. का कर्मवीरः टाईटल मुझे भी कुछ जमा नहीं,थोङा आज-तक टाईप हो गया किंतु आज से अपना IP :-)
क्या कमाल की पारी खेली इस कर्मवीर ने,भगवान की तारीफ़ तो जितनी की जाए कम है किंतु ऐसा प्रत्युत्तर कि सबको निरुत्तर कर दिया,वाह भाई स्ट्रॉस!!सिद्ध कर दिया कि किस प्रकार तकनीक पर अडिग रहकर और धैर्य से बँधे रहकर भी वही काम किया जा सकता है जो सहवाग उबलते और बिलबिलाते हुए करते हैं ( यहाँ सहवाग पर कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं है वरन स्ट्रॉस की प्रशंसा है) क्रिकेट को मुगदर भाँजने वाला बेसबॉल बना देने वाले भी समझ गये होंगे कि क्रिकेट का मतलब मात्र युसुफ पठान और kkkkkkkiran पोलार्ड ही नहीं है.सिद्ध कर दिया कि स्ट्रॉस ऐसे ही Castrol Cricket Index के टॉप टेन खिलाङियों में नहीं हैं, 

Courage:कमाल का शौर्य एक योजना जिस पर अंत तक यह लङाका डटा रहा और विशाल लक्ष्य को भी बौना सिद्ध कर दिया।
Rigidity:कई ऐसे अवसर आये जब कोई और खिलाङी होता तो अपना धैर्य खो देता स्ट्रॉस लङता रहा,खचाखच भरे स्टडियम में जहाँ हर नज़र सिर्फ उसे आऊट होते देखना चाहती थी वो डटा रहा।
Intelligence:एक निश्चित योजना और उस पर अमल करने की प्रतिबद्धता शातिर दिमाग का ही काम था
Class:ऐसी शानदार पारी और दर्शनीय शॉट जैसे अभी क्रिकेट के स्कूल से निकला मेधावी हो।
Knowledge:जानकारी पिच की,भारत की कमज़ोरी की,और फील्ड की जमावट की।
Energy:इतनी लंबी पारी और चेहरे पर शिकन तक नही.
Talent:सारी बातों का सार प्रतिभा,अनूठी प्रतिभा,हतप्रभ कर देने वाली प्रतिभा,वाह स्ट्रॉस वाह कमाल कर दिया।
चतुर की च-टाईः आज चतुर चटाई मे टाई की बात बताने वाला है,विश्व कप के वो चार मैच जो टाई हुए हैं:
ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका (1999):इस अविस्मरणीय मैच की चर्चा पहले आलेख में भी हुई थी, ऑस्ट्रेलिया ने 213 रन बनाये और दक्षिण अफ्रीका भी इसी स्कोर तक पहुँच गया किंतु यह सेमीफाईनल था और पुराने मैचों के अंक के आधार पर ऑस्ट्रेलिया की किस्मत साथ दे गई और वो फाईनल में पहुँच गया।
दक्षिण अफ्रीका बनाम श्रीलंकाः(2003): एक बार फिर बदकिस्मती का ठीकरा दक्षिण अफ्रीका  के सर फूटा श्रीलंका के 268 रनों के जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 218 बना लिये थे और 30 गेंद में 40 रन ही चाहिये थे किंतु बारिश हो गयी और मैच बराबरी पर छूटा दोनों टीम को 1-1 अंक मिल गया।
आयरलैंड बनाम ज़िम्बाब्वेः(2007) दो कमज़ोर टीमों में एक रोमांचकारी मुकाबला हुआ और दोनों ने 221 रन बनाकर अंक बाँट लिये।

 
रोमांचक क्षणः स्ट्रॉस की यह पारी आने वाले कई वर्षों तक याद रखी जायेगी बशर्ते इसी विश्वकप में और बङे चमत्कार न हो जाएं।

रुपक
(Disclaimer: Castrol Cricket Index खिलाङियों के प्रदर्शन को मापने का कारगर तरीका है और इसके पहले उपयोग किये जाने वाले कई विश्लेषणों से इस मायने में पृथक है कि इसमें हर खिलाङी का प्रदर्शन खेल के तीनों पैमानों बल्लेबाज़ी,गेंदबाज़ी और क्षेत्ररक्षण में परखा जाता है किंतु खिलाङी की मूल प्रतिभा(core competence) को ध्यान में रखते हुए,गहन अध्ययन के बाद तैयार की गई यह रैंकिग प्रणाली ICC रैंकिग से भी ज़्यादा कारगर सिद्ध हुई है और क्रिकेट प्रेमी अब भावनाओं और उत्साह के साथ अब विश्वसनीय आँकङों की सहायता से भी अपने वाद-विवाद को मज़ेदार बना सकते हैं,ब्लॉगर Castrol Cricket Index का अनुयायी है और अपने आलेखों में Castrol Cricket Index की सहायता से रोचक तथ्य प्रस्तुत करता है,Castrol Cricket Index द्वारा ब्लॉगर को संपर्क किया गया और अध्ययन के बाद ब्लॉगर को Index विश्वसनीय लगा,किंतु आलेख किसी भी प्रकार से कंपनी का प्रचार नहीं करते और Blogger की राय किसी भी उत्पाद से सर्वथा विलग और निष्पक्ष है)

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