Monday, March 21, 2011

हाथी की पूँछ

Cortesy:espncricinfo.com
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विश्व कप के ग्रुप चरण के मुकाबलों का अंतिम सप्ताह भारत की वेस्टइंडीज़ पर आसान विजय के साथ समाप्त हो गया।पिछले आलेख में हम चर्चा कर रहे थे कि यह अब तक का सबसे खुला विश्वकप है और सभी टीमें कहीं न कहीं कमज़ोर पङी हैं,गत सप्ताह कुछ मुकाबले निर्णायक थे इस लिहाज़ से कि क्वार्टरफाईनल में कौन सी टीम जायेंगी,अंततः कई विश्व कप के बाद ऐसा हुआ है कि आठों टीमें किसी न किसी क्षेत्र मे मज़बूत हैं और जीतने का माद्दा रखती हैं, कोई भी मैच एकतरफा होने की उम्मीद कम है और खेल के लिये यह बङी धनात्मक बात है।
इस विश्वकप की सबसे मनोरंजक या रोमांचक टीम का कोई ख़िताब होता तो अवश्य इंग्लैंड को ही जाता,हारे हुए मैच को अंतिम एक घण्टे मे अपने पक्ष में करके इंग्लैंड ने क्वार्टर फाईनल की उम्मींदे बनाये रखीं और दक्षिण अफ्रीका ने बंग्लादेश को बुरी तरह परास्त कर सारी अटकलों पर विराम लगा दिया,ग्रुप "A" के वर्चस्व की लङाई और भारत में क्वार्टरफाईनल न खेलने की बेचैनी मे पाकिस्तान ने अजेय ऑस्ट्रेलिया के अश्वमेघ  का अश्व रोक लिया और ३४वें मैच मे पराजय का स्वाद चखा दिया,हालांकि ऑस्ट्रेलिया में पहले वाली धार दिखाई नहीं दे रही है,और अब समय है कि क्रिकेट की विश्वशक्ति की धुरी भारतीय उपमहाद्वीप की और स्थानांतरित हो।

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लीग मैच के अंतिम मुकाबले तक अगर-मगर की स्थिती बनी रही और अंततः भारत की विजय से सारे मुकाबले तय हो गये, भारत को अब तीन बार के विश्वविजेता से भिङना है और तैयारियाँ पूरी नहीं लग रही हैं,भारतीय टीम ने ताश के पत्तों के प्रति निष्ठा बनाये रखी और इस बार भी एक बङा स्कोर बनते बनते रह गया,फिर हम पचास ओवर नहीं खेल पाये और फिरसे विकटों का पतझङ जारी रहा, फिर पठान फेल हो गये और फिर भज्जी के आलराउंडर होने का दावा गलत सिद्ध हुआ,फिर कप्तान कोई बङा क़माल करके टीम का मनोबल न बढा सके और फिर सातवाँ बल्लेबाज़ बेफ़ज़ूल ही लगा।ग़ल्तियाँ जारी रहीं और पहले से भारी रहीं,क्षेत्ररक्षण जो पिछले मैच में सुधर गया था फिरसे कमज़ोर लगा और गेंदबाज़ी में नये प्रयोंगों ने वेस्टइंडीज़ को पारी सँभालने का मौका दे दिया, 
Source:http://www.castrolcricket.com/WC-2011/matchreview

हालांकि बहुत कुछ अच्छा भी हुआ जैसे अश्विन का आना और सफल होना,युवराज की मेहनत का प्रतिसाद विश्व कप शतक के रुप में मिलना और सचिन का दो रन बनाकर भी इतिहास रच देना (इस बार बल्ले से नहीं चरित्र की द्रढता से,अंपायर द्वारा आऊट न दिये जाने पर भी सचिन वॉक आऊट कर गये,और फिरसे बिना खेले ही दर्शकों को नतमस्तक होने पर विवश कर दिया,याद आ गया कि शनिवार को कैसे आऊट होने पर भी पोंटिग बेशर्मी से खङे रहे और पाकिस्तानी खिलाङियों द्वारा ताना दिये जाने पर उनसे लङने पर उतारु भी हो गये)।
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कुल मिलाकर अब तक एक भी बार भारत पूरे आत्मविश्वास के साथ कोई जीत दर्ज नहीं कर पाया है,किंतु सीखने कि प्रक्रिया चलती रही,अब सीखने का समय समाप्त हुआ और सबक सिखाने का समय आ गया है।ग़ल्ती की गुंजाईश नहीं बची है और अब एक ही ध्येय है तीन और विजय और विश्वकप पर क़ब्ज़ा। हाथी तो निकल रहा है पूँछ रह जाती है,सब सही होते होते कुछ न कुछ बिगङ जाता है,खैर बङे मुकाबलों मे जो कम गल्तियाँ करेगा और अधिक संयम रखेगा वही हो पायेगा विश्व विजेता।
क्रिकेट का कर्मवीरः 
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 इस सप्ताह निश्चित रुप से तीन बार मैन ऑफ द मैच का खि़ताब जीत चुके और 'मैन ऑफ द सीरीज़' के प्रबल दावेदार हरफनमौला युवराज ही इस श्रेणी के हकदार हैं, बहुत महीने पहले किसी ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी कि युवराज ही विश्वकप दिलायेंगे और तब युवराज का टीम में  आना भी संदिग्ध लग रहा था किंतु क्या कमाल का खेल दिखाया है,लगातार संघर्षरत इस खिलाङी को अंततः विजय प्राप्त हुई और अपने तीसरे विश्वकप में सैकङा जमाने का सौभाग्य भी पा गये,गेंदबाज़ी में ये भारत के शाहिद अफरीदी बनते जा रहे हैं,और बल्लेबाज़ी भी निखर रही है,वाह युवराज वाह क़माल कर दिया।
चतुर की चटाईः
विश्व कप समापन की ओर है,लीग मैचों के मेराथन के बाद फटाफट तीन चरण होंगे और 2 अप्रैल को वानखेङे के मैदान में विश्व-विजेता का निर्धारण हो जायेगा,इस बार चतुर बता रहे हैं कि आज तक के विश्वकप में कौन-कौन सी टीमें सेमीफाईनल में भिङी हैं,दो बार भारत और पाकिस्तान सेमीफईनल में साथ पहुँचे किंतु एक दूसरे से मुकाबला न हो सका,शायद विश्वकप २०११ में यह शानदार मुकाबला देखने को मिल जायेः


https://spreadsheets.google.com/pub?hl=en&hl=en&key=0AgR1rEkTu-WrdEdBY3pWZzJ1ME9vTlJQRVJRUThxVnc&single=true&gid=0&output=html
रोमांचक क्षणः
युवराज की यह पारी वाकई रोमांचक रहीः

रुपक
(Disclaimer: Castrol Cricket Index खिलाङियों के प्रदर्शन को मापने का कारगर तरीका है और इसके पहले उपयोग किये जाने वाले कई विश्लेषणों से इस मायने में पृथक है कि इसमें हर खिलाङी का प्रदर्शन खेल के तीनों पैमानों बल्लेबाज़ी,गेंदबाज़ी और क्षेत्ररक्षण में परखा जाता है किंतु खिलाङी की मूल प्रतिभा(core competence) को ध्यान में रखते हुए,गहन अध्ययन के बाद तैयार की गई यह रैंकिग प्रणाली ICC रैंकिग से भी ज़्यादा कारगर सिद्ध हुई है और क्रिकेट प्रेमी अब भावनाओं और उत्साह के साथ अब विश्वसनीय आँकङों की सहायता से भी अपने वाद-विवाद को मज़ेदार बना सकते हैं,ब्लॉगर Castrol Cricket Index का अनुयायी है और अपने आलेखों में Castrol Cricket Index की सहायता से रोचक तथ्य प्रस्तुत करता है,Castrol Cricket Index द्वारा ब्लॉगर को संपर्क किया गया और अध्ययन के बाद ब्लॉगर को Index विश्वसनीय लगा,किंतु आलेख किसी भी प्रकार से कंपनी का प्रचार नहीं करते और Blogger की राय किसी भी उत्पाद से सर्वथा विलग और निष्पक्ष है)

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